
नई दिल्ली. बात जब ऑस्ट्रेलिया में जाकर क्रिकेट खेलने की हो और कंगारू टीम को जीत के लिए अंपायर्स का साथ ना मिले, ऐसा तो हो ही नहीं सकता. पिछले लगातार दो दौरों पर कंगारुओं को मात देने वाली भारतीय टीम इस बार भी जीत की मजबूत दावेदार मानी जा रही थी, लेकिन ऑस्ट्रेलियन्स अपनी हरकतों से बाज कहां आने वाले हैं. यशस्वी जायसवाल को मेलबर्न टेस्ट के आखिरी दिन जिस तरह से आउट दिया गया, उसने यह साफ कर दिया कि इस मैच में भी पैट कमिंस के धुरंधर अकेले नहीं थे. 12वें खिलाड़ी के रूप में थर्ड अंपायर शरफुद्दौला भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे.
बॉल यशस्वी जायसवाल के ग्लव्स या बैट को छूए बिना ही पीछे विकेटकीपर के दस्तानों में गई थी. तीसरे अंपायर ने तकनीक का सही से उपयोग किए बिना ही जायसवाल को आउट करार दे दिया. साल 2007-2008 में अनिल कुंबले की कप्तानी में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी. तब हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच मंकी गेट मामला सामने आया था. इसी मैच में अंपायर स्टीव बकनर भारत की हार में सबसे बड़े विलेन बनकर सामने आए थे. तब कप्तान अनिल कुंबले ने खुलकर बकनर की आलोचना करते हुए उन्हें ऑस्ट्रेलिया की टीम का 12वां खिलाड़ी करार दिया था.
